- राज्यात ७३ टक्के अधिक पावसाची नोंद
- १ ते २८ ऑक्टोबरपर्यंतची स्थिती
- हवामान विभागाची माहिती
पुणे : नैर्ऋत्य मोसमी वारे (मॉन्सून) बुधवारी (ता.२८) देशभरातून परतल्याचे हवामान विभागाने जाहीर केले. बंगालच्या उपसागरात तयार झालेले कमी तीव्रतेचे वादळ (डीप डिप्रेशन) महाराष्ट्राकडे आल्याने कोकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड्यातील काही जिल्ह्यांना अक्षरशः झोडपून काढले. परतीच्या काळात (१ ते २८ ऑक्टोबर) राज्यात सरासरीपेक्षा ७३ टक्के अधिक पावसाची नोंद झाली आहे.
नैर्ऋत्य मोसमी वाऱ्यांच्या (मॉन्सून) हंगामात (जून ते सप्टेंबर) राज्यात ११६५ मिलीमीटर (१६ टक्के अधिक) पावसाची नोंद झाली. कोकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड्यात सरासरीपेक्षा अधिक पावसाची नोंद झाली आहे. तर विदर्भात मात्र उणे १० टक्के पावसाची नोंद होत पावसाने सरासरी गाठली. दुष्काळी भागात यंदा वरूणराजाची कृपादृष्टी राहिली, तर उत्तर कोकण व लगतच्या घाटमाथ्यावर मात्र पावसाचा जोर काहीसा कमी असल्याचे दिसून आले.
मॉन्सूनने २८ सप्टेंबर रोजी देशातून परतीच्या प्रवासाला सुरूवात केली. वायव्य आणि उत्तर भारतातील राज्यातून मॉन्सून परतल्यानंतर बंगालच्या उपसागरात कमी तीव्रतेच्या वादळाची (डीप डिप्रेशन) निर्मिती झाली. हे कमी दाबाचे क्षेत्र महाराष्ट्राच्या दक्षिण भागातून अरबी समुद्राकडे सरकले. या कालावधीत कोकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड्यातील जिल्ह्यांमध्ये मुसळधार पाऊस कोसळला. त्यानंतरही अनेक जिल्ह्यात सातत्याने पाऊस पडतच होता. विदर्भात मात्र पावसाने दडी मारल्याचे चित्र होते.
१ ऑक्टोबर ते २८ ऑक्टोबर या काळात राज्यातील पावसाची सरासरी ६९ मिलिमीटर आहे. यंदा या काळात तब्बल ११९.५ मिलिमीटर (७३ टक्के अधिक) पावसाची नोंद झाली आहे. यात कोकण व गोवा विभागात २४१.३ मिलिमीटर (१२४ टक्के अधिक), मध्य महाराष्ट्रात १५५.२ मिलिमीटर (११९ टक्के अधिक), मराठवाड्यात १०६.५ मिलिमीटर (५४ टक्के अधिक), तर विदर्भात ४७.५ मिलिमीटर (१५ टक्के कमी) पावसाची नोंद झाली आहे.
राज्यात विभागनिहाय पडलेला पाऊस
विभाग | सरासरी (मिलीमीटर) | पडलेला (मिलीमीटर) | तफावत (टक्क्यांत) |
कोकण, गोवा | १०७.५ | २४१.३ | १२४ |
मध्य महाराष्ट्र | ७०.८ | १५५.२ | ११९ |
मराठवाडा | ६९.३ | १०६.५ | ५४ |
विदर्भ | ५६.२ | ४७.५ | उणे १५ |
मुंबई, पुण्यासह सिंधुदुर्गात धुमशान
मॉन्सून परतीच्या काळात जिल्ह्यानिहाय पावसाचा विचार करता मुंबई शहरासह पुणे आणि सिंधुदुर्ग जिल्ह्यात पावसाने अक्षरशः धुमशान घातले. मुंबई शहरात सर्वाधिक २३३ टक्के अधिक, पुणे जिल्ह्यात २०९ टक्के अधिक, तर सिंधुदुर्ग जिल्ह्यात २०७ टक्के अधिक पावसाची नोंद झाली. यासह. ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, नगर, सातारा, सोलापूर, सांगली, कोल्हापूर, बीड, उस्मानाबाद जिल्ह्यातही पावसाने धुमाकुळ घातला.
महाराष्ट्राच्या उत्तर भागातील खानदेश आणि विदर्भातील जिल्ह्यांत मात्र परतीच्या काळात पावसाने दडी मारली. नंदूरबार जिल्ह्यात सर्वात कमी म्हणजेच सरासरीच्या तुलनेत उणे ७६ टक्के पाऊस पडला. तसेच, जळगाव, बुलडाणा, अकोला, अमरावती, नागपूर, भंडारा, चंद्रपूर, यवतमाळ, वर्धा जिल्ह्यात मात्र सरासरीपेक्षा कमी पाऊस पडला.
मॉन्सून परतीच्या काळात पडलेला जिल्हानिहाय पाऊस
जिल्हा | सरासरी (मिलीमीटर) | पडलेला (मिलीमीटर) | तफावत (टक्क्यांत) |
मुंबई शहर | ६४.९ | २१६.० | २३३ |
पालघर | ६०.९ | ६८.९ | १४ |
रायगड | १०५.२ | २३९.९ | १२८ |
रत्नागिरी | १२८.१ | ३२०.६ | १५० |
सिंधुदुर्ग | १३०.८ | ४०१.६ | २०७ |
मुंबई उपनगर | ७०.२ | १४१.२ | १०१ |
ठाणे | ६९.७ | १२३.६ | ७७ |
नगर | ६५.७ | १४९.३ | १२७ |
धुळे | ३४.१ | ३८.४ | १३ |
जळगाव | ४१.३ | १९.६ | उणे ५२ |
कोल्हापूर | १०८.६ | २३१.६ | ११३ |
नंदूरबार | ३०.६ | ७.२ | उणे ७६ |
नाशिक | ५७.० | ८६.९ | ५७ |
पुणे | ७६.४ | २३६.२ | २०९ |
सांगली | १०३.७ | २७२.५ | १७३ |
सातारा | ८९.८ | १९४.२ | ११६ |
सोलापूर | ९०.३ | २३६.३ | १६२ |
औरंगाबाद | ५३.२ | ७१.९ | ३५ |
बीड | ७०.१ | ११६.७ | ६६ |
हिंगोली | ६२.२ | ७८.४ | २६ |
जालना | ५७.१ | ७४.३ | ३० |
लातूर | ८३.३ | ११०.७ | ३३ |
नांदेड | ७४.५ | ७५.२ | १ |
उस्मानाबाद | ८०.६ | २३०.४ | १८६ |
परभणी | ७५.९ | १०३.६ | ३७ |
अकोला | ५२.४ | ३६.५ | उणे ३० |
अमरावती | ४९.७ | ३७.८ | उणे २४ |
भंडारा | ५३.४ | ३६.५ | उणे ३२ |
बुलडाणा | ५५.५ | २२.६ | उणे ५९ |
चंद्रपूर | ५९.० | ४६.० | उणे २२ |
गडचिरोली | ६५.७ | ७१.३ | ८ |
गोंदिया | ४६.० | ४९.१ | ७ |
नागपूर | ५१.९ | ३९.५ | उणे २४ |
वर्धा | ५१.० | ४२.५ | उणे १७ |
वाशीम | ६४.७ | ८८.३ | ३७ |
यवतमाळ | ५८.३ | ५०.३ | उणे १४ |